Atal bihari vajpeyi ji

 

Biography of famous personalities

Late shri Atal Bihari vajpeyi ji

By kirti sharma


हम प्रसिद्ध लोगों के जीवन के बारे मे कुछ रोचक तथ्य और उनके जीवन का विस्तृत विवरण करते है। जिसमे उनकी शिक्षा, काम, रिश्ते और मृत्यु जैसे बुनियादी तथ्यों को शामिल किया जाता 


atal bihari vajpayee life story in hindi | 





अटल बिहारी बाजपेयी जीवन परिचय |अटल बिहारी बाजपेयी की जीवनी | Atal bihari vajpayee life story in hindi 


अटल बिहारी बाजपेयी 


जन्मः 25 दिसंबर 1924, ग्वालियर, मध्यप्रदेश 


मृत्यु: 16 अगस्त 2018 (उम्र 93), एम्स हॉस्पिटल, नई दिल्ली, भारत 


अटल बिहारी बाजपेयी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री थे। वे पहली बार 16 मई से 1 जून 1996 तथा इसके बाद 19 मार्च 1998 से 10 अक्टूबर 1999 तक और फिर इसके बाद 10 अक्टूबर 1999 से 2004 तक देश की बागडोर संभाली। जब तक उनका स्वाथ ठीक था तब तक राजनीती मे सक्रिय भूमिका निभाते रहे थे, फिर 2005 मे स्वास्थ बिगड़ जाने के बाद वह सक्रिय राजनीती से बाहर होगए। 


भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नहरू के बाद वे ऐसे प्रधानमंत्री हुये जिन्हे तीन बार लगातार प्रधानमंत्री बनने का गौरव प्राप्त है। वह भारत के सबसे सम्माननीय और राजनेताओं में से एक रहे है। उनकी पार्टी के सदस्य हो या विपक्षी पार्टियों के सदस्य सभी उनकी बहुत इज्जत करते थे और उनकी बात मानते थे। वाजपेयी एक उच्च कोटी के कवि और प्रखर वक्ता थे। एक राजनेता के तौर पर वे अपनी साफ छवि, लोकतांत्रिक, और उदार विचारों के लिये जाने जाते थे। 2015 मे उन्हे भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया। 


अटल बिहारी बाजपेयी का प्रारंभिक जीवन:- 


अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले में 25 दिसंबर 1924 को हुआ था। उनके पिता का नाम कृष्ण बिहारी वाजपेयी और माता का नाम कृष्णा देवी था। अटलजी सात भाई बहन थे। उनके पिता शिक्षक और प्रसिद्ध कवि थे। अटलजी प्रारंभिक शिक्षा ग्वालियर मे पूरी की और उच्च शिक्षा लक्ष्मीबाई कॉलेज और डीएवी कॉलेज(कानपुर ) मे पूरी की। फिर वह आर.एस.एस. द्वारा प्रकाशित पत्रिका में बतौर संपादक नौकरी कर ली। और यहीं से वह आर.एस.एस. से जुड़ गये। उन्होंने कभी सादी नही की लेकिन उन्होंने 'बी एन कौल' की दो बेटियों नमिता और नंदिता को गोद लिया। 


अटल बिहारी बाजपेयी का राजनैतिक जीवन :- 


अटलजी की राजनैतिक यात्रा की शुरुआत एक स्वतंत्रता सेनानी के रूप में हुई थी। उन्होंने कई स्वतंत्रता आंदोलन मे भाग लिया। 1942 में जब 'भारत छोड़ो आंदोलन' की शुरुआत हुई तब उन्होंने ने भी इसमें भाग लिया जिसके कारण वह अन्य नेताओं के साथ गिरफ्तार कर लिए गए। इसी समय उनकी मुलाकात श्यामा प्रसाद मुखर्जी से हुई, जो भारतीय जनसंघ पार्टी के संस्थापक थे। 


श्यामा प्रसाद मुखर्जी और अटलजी ने मिलकर जनसंघ को आगे बढ़ाया। स्वास्थ्य समस्याओं के चलते मुकर्जी की जल्द ही मृत्यु हो गई और जनसंघ को अटलजी ने संभाला और इस संगठन के विचारों और एजेंडे को आगे बढ़ाया। 1954 में अटल बिहारी बाजपेयी ने पहली बार चुनाव लड़ा और जीतकर बलरामपुर सीट से संसद सदस्य निर्वाचित हुए। वाजपेयी के नजरिए और उनकी राजनैतिक जानकारी ने उन्हें राजनीति जगत में सम्मान दिलाया और उन्हें भारत के बड़े राजनेताओं के साथ खड़ा कर दिया। 


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जब मोरारजी देसाई(जनता पार्टी ) की सरकार 1977 मे बनी तब वाजपेयी को विदेश मंत्री बनाया गया था। भारत-पाकिस्तान के रिश्तों को सुधारने के लिए उन्होंने पाकिस्तान की यात्रा की. जब जनता पार्टी ने आर.एस.एस. पर हमला करना शुरू किया , तब अटलजी ने 1979 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया। 


तब अटलजी ने 1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना आर.एस.एस. से आये लाल कृष्ण आडवाणी के साथ मिल कर की. स्थापना के बाद अटलजी पहले पांच साल भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रहे। 


1980 मे बी जे पी की स्थापना के बाद पहले लोकसभा चुनाव मे बी जे पी के संसद मे सिर्फ दो सदस्य थे एक अटल बिहारी बाजपेयी और दूसरे लाल कृष्ण आडवाणी। फिर 1996 मे 11वे लोकसभा चुनाव मे भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और 161 सीटें जीतने मे कामयाब रही थी। और अटल बिहारी बाजपेयी के नेतृत्व मे सरकार बनी, लेकिन बहुमत सिद्ध नहीं कर पाने के कारण सरकार 13 दिन मे गिर गई। 


1998 लोकसभा चुनाव में बीजेपी एक बार फिर सबसे जादा 182 सीटें मिली। बीजेपी ने कई छेत्रिय पार्टियों के सहयोग से सरकार बनाई, लेकिन इस बार भी अटलजी सिर्फ 13 महीनों तक ही सत्ता में रह सके, क्योंकि एआईएडीएमके(जय ललिता) ने अपना समर्थन सरकार से वापस ले लिया था। 


1999 के लोक सभा चुनावों मे जब चुनाव हुये तो अटलजी इस बार चुनाव से पहले ही 20 पार्टियों के साथ गठबंधन कर चुनाव मे उतरे इस गठबंधन का नाम था एन डी ए। यह गठबंधन 269 सीटें जितने मे कामयाब रहा. 

Notice:- 

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Author 

Kirti karaiya sharma


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