National educational day (11 nov)

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महत्वपूर्ण दिवसराष्ट्रीय शिक्षा दिवस: 11 नवम्बर (मौलाना अबुल कलाम आज़ाद जन्म दिवस) 
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस: 11 नवम्बर (मौलाना अबुल कलाम आज़ाद जन्म दिवस) 




राष्‍ट्रीय शिक्षा दिवस (11 नवम्बर) | National Education Day in Hindi 

राष्‍ट्रीय शिक्षा दिवस (11 नवम्बर): इस अध्याय में राष्‍ट्रीय शिक्षा दिवस की तारीख, इतिहास, मौलाना अबुल कलाम आजाद का जीवन परिचय, महत्वपूर्ण तथ्य तथा भारत की राष्ट्रीय शिक्षा संस्थाओं के बारे में जानकारी दी गयी है। 

राष्‍ट्रीय शिक्षा दिवस (11 नवम्बर): (11 November: National Education Day in Hindi) 

राष्‍ट्रीय शिक्षा दिवस कब मनाया जाता है? 


प्रत्येक वर्ष देश भर में 11 नवम्बर को 'राष्ट्रीय शिक्षा दिवस' या राष्ट्रीय शिक्षण दिवस मनाया जाता है। वर्ष 2016 में इस दिवस का मुख्य विषय-'सबको शिक्षा-अच्छी शिक्षा' था। 

राष्‍ट्रीय शिक्षा दिवस का इतिहास: 


वैधानिक रूप से 'राष्ट्रीय शिक्षा दिवस' का प्रारम्भ 11 नवम्बर, 2008 से किया गया है। यह दिवस भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी, प्रसिद्ध शिक्षाविद् एवं 'भारत रत्न' से सम्मानित मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है। 

मौलाना अबुल कलाम आजाद का जीवन परिचय: 


मौलाना अबुल कलाम आज़ाद अफग़ान उलेमाओं के ख़ानदान से संबंध रखते थे जो बाबर के समय हेरात से भारत आए थे। उनकी माँ अरबी मूल की थीं और उनका नाम का शेख आलिया बिन्त मोहम्मद था। और उनके पिता मौलाना सैय्यद मुहम्मद खैरुद्दीन बिन अहमद अल हुसैनी था, जो एक फारसी व्यक्ति थे। मोहम्मद खैरुद्दीन और उनके परिवार ने भारतीय स्वतंत्रता के पहले आन्दोलन के समय 1857 में कलकत्ता छोड़ कर मक्का चले गए थे। और जब मोहम्मद खैरूद्दीन 1890 में भारत लौट आए तब मौहम्मद खैरूद्दीन को कलकत्ता में एक मुस्लिम विद्वान के रूप में ख्याति मिली। जब आज़ाद केवल 11 साल के थे तब उनकी माता का देहांत हो गया। उनकी आरंभिक शिक्षा इस्लामी तौर तरीकों से हुई। घर पर या मस्ज़िद में उन्हें उनके पिता तथा बाद में अन्य विद्वानों ने पढ़ाया। इस्लामी शिक्षा के अलावा उन्हें दर्शनशास्त्र, इतिहास तथा गणित की शिक्षा भी अन्य गुरुओं से मिली। आज़ाद ने उर्दू, फ़ारसी, हिन्दी, अरबी तथा अंग्रेजी़ भाषाओं में महारथ हासिल की। सोलह साल उन्हें वो सभी शिक्षा मिल गई थीं जो आमतौर पर 25 साल में मिला करती थी।तेरह साल की उम्र में, उनकी शादी एक युवा मुस्लिम लड़की, जुलीखा बेगम से हुई थी। वे देवबन्दी विचारधारा के करीब थे और उन्होंने क़ुरान के अन्य भावरूपों पर लेख भी लिखे। आज़ाद ने अंग्रेज़ी समर्पित स्वाध्याय से सीखी और पाश्चात्य दर्शन को बहुत पढ़ा। उन्हें मुस्लिम पारम्परिक शिक्षा को रास नहीं आई और परंतु वे आधुनिक शिक्षावादी सर सैय्यद अहमद खाँ के विचारों से सहमत थे। 

मौलाना अबुल कलाम आजाद से संबंधित महत्वपूर्ण रोचक तथ्य: 


मौलाना अबुल कलाम आजाद का जन्म 11 नवम्बर 1888 को मक्का, उस्मानी साम्राज्य (अब सऊदी अरब) में हुआ था। 

अबुल कलाम के बचपन का नाम सैय्यद गुलाम मुहियुद्दीन अहमद बिन खैरुद्दीन अल हुसैनी था 

उनके पिता का नाम मौलाना सैय्यद मुहम्मद खैरुद्दीन बिन अहमद अल हुसैनी और उनकी माता शेख आलिया बिन्त मोहम्मद का नाम था। 

सन् 1923 में मौलाना आजाद भारतीय नेशनल काग्रेंस के सबसे युवा अध्यक्ष बने। 

स्वतंत्रता प्राप्ति (15 अगस्त 2017) के बाद अबुल कलाम आज़ाद भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने। 

मौलाना अबुल कलाम आजाद द्वारा सन् 1950 से पहले 'भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद' की स्थापना की गई। 

उन्होंने सन् 1953 में संगीत नाटक अकादमी, सन् 1954 में साहित्य अकादमी और सन् 1954 में ललित कला अकादमी की स्थापना की थी। 

ग़ुबार-ए-ख़ातिर मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की सबसे महत्वपूर्ण कृतियों में से एक है, जो मुख्य रूप से 1942 से 1946 के दौरान लिखी गई थी। 

वर्ष 1992 में मरणोपरान्त मौलाना अबुल कलाम आजाद को देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया। 

मौलाना अबुल कलाम आजाद की मृत्यु के समय उनके पास कोई संपत्ति नहीं थी और न ही कोई बैंक खाता था। 

देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद का 22 फरवरी 1958 को निधन हो गया। 

अबुल कलाम आजाद का मकबरा दिल्ली में जामा मस्जिद के बगल में स्थित है। हाल के वर्षों में मकबरे के खराब रखरखाव को लेकर भारत में कई लोगों द्वारा बड़ी चिंता व्यक्त की गई है। 16 नवंबर 2005 को दिल्ली उच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि नई दिल्ली में मौलाना आज़ाद की कब्र को पुनर्निर्मित किया जाए और एक प्रमुख राष्ट्रीय स्मारक के रूप में संरक्षित किया जाए। 

Public Education Day 2020: आखिर क्यों मनाया जाता है शिक्षा दिवस, क्या है इस दिन का महत्व, जानिए पूरी डिटेल 


Public Education Day 2020: भारत में हर साल 11 नवंबर, 2020 को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day) के रूप में मनाया 

Public Education Day 2020: भारत में हर साल 11 नवंबर, 2020 को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day) के रूप में मनाया जाता है. इसी दिन भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अब्दुल कलाम आज़ाद (Maulana Abul Kalam Azad) का जन्म हुआ था और आज उनकी जयंती भी है. उन्हीं के जयंती के अवसर पर हर साल राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day) मनाया जाता है. मौलाना अब्दुल कलाम आज़ाद (Maulana Abul Kalam Azad) ने 1947 से 1958 तक पंडित जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमंडल में शिक्षा मंत्री के रूप में देश की सेवा की. Additionally Read - National Education Day 2020: आखिर क्यों मनाया जाता है शिक्षा दिवस, क्या है इस दिन का महत्व, जानिए पूरी डिटेल 

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मौलाना अब्दुल कलाम आज़ाद एक सुधारक,स्वतंत्रता सेनानी और केवल एक विद्वान ही नहीं थे, बल्कि शिक्षा के माध्यम से राष्ट्र के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध थे. मौलाना अब्दुल कलाम आज़ाद स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री थे. उन्होंने 15 अगस्त, 1947 से 2 फरवरी, 1958 तक देश की सेवा की. मानव संसाधन विकास मंत्रालय (Ministry Of Education) ने 11 सितंबर 2008 को घोषणा किया था कि मंत्रालय ने भारत में शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को याद करते हुए भारत के इस महान बेटे (Maulana Abul Kalam Azad) के जन्मदिन को मनाने का निर्णय लिया है. HRD मंत्रालय ने कहा, "2008 से 11 नवंबर को हर साल बिना छुट्टी घोषित किए राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day) के रूप में मनाया जाएगा. Likewise Read - CBSE, ICSE Board Exam 2021: परीक्षा 45 से 60 दिनों तक पोस्टपोन होने की है संभावना, जानिए क्या कहती है रिपोर्ट 

Public Education Day महत्व और उत्सव 


स्कूलों में हर साल 11 नवंबर को विभिन्न रोचक और ज्ञानवर्धक संगोष्ठियों, संगोष्ठियों, निबंध-लेखन, रैलियों आदि का आयोजन करके मनाया जाता है. छात्र और शिक्षक साक्षरता के महत्व और शिक्षा के सभी पहलुओं पर राष्ट्र की प्रतिबद्धता के बारे में बात करने के लिए एक साथ आते हैं. राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day) भी मौलाना अब्दुल आज़ाद (Maulana Abul Kalam Azad) द्वारा स्वतंत्र भारत की शिक्षा प्रणाली (Education System) के क्षेत्र में किए गए सभी महान योगदानों के लिए एक श्रद्धांजलि.

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