This portal gives you information about, biography, current events, Science knowledge, schemes, historical places, jobs and new government schems. Share its information on facebook, Twitter, Instagram and what's up group, to be update about latest news...
Initial public offering क्या है और इसमें कैसे करें निवेश
शेयर बाजार और निवेश से जुड़े तमाम ऐसे पहलू हैं जिनसे ज्यादातर लोग अनजान हैं। अधिकतर लोग सामान्य बैंकिंग और बीमा के बारे में अच्छी जानकारी रखते हैं लेकिन निवेश के संबंध में ज्यादा जानकारी नहीं होती है। मसलन शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड, बान्ड्स, आईपीओ आदि ऐसे शब्द हैं जिनके बारे में हम सुनते जरूर हैं लेकिन ज्यादा जानकारी नहीं रखते हैं।
Beautiful woolen kurtie on amazon to buy click here👈👈👈
speculation
इन्ही में से एक है टर्म है आईपीओ। क्या है आईपीओ, ये कैसे काम करता है, इसमें निवेश की क्या संभावनाए हैं, ऐसे सभी सवाल जो आपके मन में आईपीओ को लेकर हैं उसका यहां समाधान होगा और आईपीओ के बारे में आसानी से समझेंगे भी।
क्या है IPO
जब एक कंपनी अपने समान्य स्टॉक या शेयर को पहली बार जनता के लिए जारी करता है तो उसे आईपीओ, इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग (सार्वजनिक प्रस्ताव) कहते हैं। लिमिटेड कंपनियों द्वारा ये आईपीओ इसलिए जारी किया जाता है जिससे वह शेयर बाजार में सूचीबद्ध हो सके। शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने के बाद कंपनी के शेयरों की खरीद शेयर बाजार में हो सकेगी।
Woolen collection on amazon click here👈👈👈👈
Initial public offering लाने का कारण
जब किसी कंपनी को अतिरिक्त पूंजी की आवश्यकता होती है तो वह आईपीओ जारी करती है। ये आईपीओ कंपनी उस वक्त भी जारी कर सकती है जब उसके पास धन की कमी हो वह बाजार से कर्ज लेने के बजाय आईपीओ से पैसा जुटाना ज्यादा बेहतर समझती है। यह किसी भी कंपनी की विस्तार योजना होती है। शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने के बाद कंपनी अपने शेयरों को अन्य योजनाओं में लगा सकती है।
Initial public offering पर सेबी की राय
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड यानि SEBI (Securities and Exchange Board of India) आईपीओ लाने वाली कंपनियो के लिए एक सरकारी रेग्युलेटरी है। यह आईपीओ लाने वाली कंपनियो से नियमों का सख्ती से पालन करवाती है। कंपनी हर तरह की जानकारी सेबी को देने के लिए बाध्य होती हैं। यह एक तरह की अनिवार्य शर्त है कि कंपनी अपनी सारी जानकारी सेबी को देगी। यही नहीं, आईपीओ लाने के बाद सेबी कंपनी की जांच भी करवाती है, कि आखिर उसके द्वारा दी गई जानकारी सही है या नहीं।
Initial public offering में निवेश
वैसे तो आईपीओ को एक जोखिम भरा निवेश माना गया है, क्योंकि इसमें कंपनी की शेयरों के प्रगति के संबंध में कोई आंकड़े या जानकारी लोगों के पास नहीं होती है, फिर भी जो व्यक्ति पहली बार शेयर बाजार में निवेश करता है उसके लिए आईपीओ एक बेहतर विकल्प है। अगर आपको शेयर बाजार में भविष्य बनाना है तो आपको आईपीओ की जानकारी होनी ही चाहिए।
Initial public offering से लाभ
आईपीओ में निवेशक तरफ से लगाई गई पूंजी सीधे कंपनी के पास जाती है। हालांकि विनिवेश के मामले में आईपीओ से जो पूंजी मिलती है वह सीधे सरकार के पास जाती है। यदि एक बार इनके शेयरों की ट्रेडिंग की इजाजत मिल जाए तो फिर इन्हें खरीदा और बेचा जा सकता है, हां एक बात जरूर याद रखें शेयर को खरीदने और बेचने से होने वाले लाभ और हानि की जिम्मेदारी निवेशक की होगी।
Initial public offering में कैसे करें निवेश
जब भी आप आईपीओ खरीदने के लिए किसी कंपनी का चयन करते हैं तो सबसे पहले आपका ब्रोकर बेस्ट होना चाहिए। कोशिश करें कि ब्रोकर के साथ मिलकर कंपनी का चयन करें। जो कंपनीं चुन रहे हैं उससे तीन-चार अन्य कंपनियों की भी तुलना करें। कुछ दिन तक इन सभी कंपनियों की प्रगति को देखने के बाद ही निवेश करें। रेटिंग एजेंसी की राय भी बहुत मायने रखती है। कंपनी के आईपीओ की कीमत भी देखें, बाजार में कंपनी के प्रमोटर की साख देखें और दूसरे निवेशकों से कंपनी के आईपीओ को लेकर जानकारी लेते रहें।
सतर्क रहें
कई बार लोगो के पास आईपीओ कि पूरी जानकारी नही होती है जिस वजह से उन्हें बहुत बार बड़ी हानि हो जाती है. हमेशा सतर्क रहे, कई बार पुराने निवेशक आईपीओ के जरिए अपने शेयर बेचते हैं, और कुछ मामलों में पुराने निवेशकों के शेयर के साथ-साथ नए शेयर भी पेश करते हैं। आईपीओ निवेशक को पुराने निवेशकों के शेयर बेचने के कारणों को जानना चाहिए।
Comments
Post a Comment
Thank u for comment